आखिर विचार करो-सूप का स्वभाव बनाओ
सार-सार को गहि रह्यो, थोथा देय उड़ाय

*🔥प्रेरणा 🔥*
*🌹कुबेर का घर🌹*
एक साधु विचित्र स्वभाव का था। उन्होंने कम बोला था। उसकी बोली का अचूक भी अजीब था. उनकी मांग पूरी कर ली गई थी, कोई भी बेकार नहीं किया गया था, तो कोई भी मांग पूरी नहीं की गई थी। साधु ने हर घर के सामने खड़े होकर पुकारा, माँ! ‘अंजुली भर मोती देना, ईश्वर कृपा, दयालु कृपा।’
साधुओं की यह विचित्र मांग दंग रह गई स्त्रियां चकित हो उठती थीं। वे बोलीं – ‘बाबा! यहां तो पेट डिस्काउंट के लाले पड़े हैं। सबसे पवित्र मोती सारे मोती कहाँ से दे मुआवज़ा। ‘किसी राजमहल में मोती मांगना, जाओ बाबा जाओ…आगे बढ़ो…।’ साधु को खाली हाथ गांव छोड़ एक बुढ़िया को उस पर दया आई। बुढ़िया ने साधु को पास बुलाया। एक नन्हा सा मोती पत्थर पर वह बोली:- साधु महाराज! मेरे पास अंजुलि भर मोती तो नहीं हैं। नाक की नथनी टूटी तो यह एक मोती मिला हुआ है। मैंने इसे संधारित्र रखा था। यह मोती ले लो। मेरे पास एक मोती है, ऐसा मेरे मन को गर्व तो नहीं होगा। एसईएसईए सुरक्षा रिज़र्व रही हूँ। कृपया इसे स्वीकार करें। हमारे गांव से, खाली हाथ मत जाना।’
बुढ़िया के हाथ का नन्हा सा मोती देखकर साधु हंसने लगा। उसने कहा, ‘माताजी! यह छोटा मोती मैं अपनी फटी हुई झोली में कहाँ रखूँ? इसे आप अपने ही पास रखें।’ ऐसा अनोखा साधु उस गांव के बाहर निकला। दूसरे गांव में साधु हर घर के सामने खड़े होकर पुकारने लगा.. माताजी प्याली भर मोती देना। ‘ईश्वर वांछनीय कल्याण कामना।’
साधुओं की यह विचित्र मांग वहां की स्त्रियां भी अचंभित हो उठीं। वहां भी साधुओं को प्याली भर मोती नहीं मिलते। अंत में निराश होकर वह वहाँ से भी खाली हाथ जाने लगा। उस गाँव के एक चोर में किसान का एक ही घर था। यहां पर मोती की मांग की गई थी, जिसे उन्होंने घर के नाम से जाना था। माताजी! प्याली भर मोती देना.. ईश्वर, दयालु विनती। साधु ने कॉल किया।
किसान सहसा बाहर आया। उसने साधु के लिए ओसारे में चाण्डाल बाँदाई। और साधुओं से विनती की,की साधु महाराज, पधारिए…विराजमान होइ।’ किसान ने साधुओं की स्तुति की और मुकर की पत्नी को आवाज दी.., बाहर लक्ष्मी जी आये हैं। इनके दर्शन कर लो। किसान की पत्नी तुरंत बाहर आई। वह साधु जी के पाँव धोकर दर्शन किये। किसान ने कहा- ‘देखो लक्ष्मी; साधु जी बहुत साझीदार हैं। इन भोजन की व्यवस्था करना। अंजुलि भर मोती लेकर पीसना, और उसकी रोटियाँ बनाना। तब तक मैं मोतियों की गागर लेकर आता हूं।’ ऐसा खुलासा वह किसान खाली गागर लेकर घर के बाहर निकला। कुछ देर बाद किसान वापस आये। तब तक लक्ष्मी ने खाना बनाकर तैयार कर रखा था। साधु ने पेट भर खाना खाया। वह प्रसन्न हुआ। उन्होंने किसान से मजाक करते हुए कहा, ‘बहुत दिन बाद कुबेर के घर का खाना मिला है।’ मैं बहुत आकर्षक हूँ। अब पढ़ना याद आ रहा है, इसलिए मुझे कान भर मोती देना। ‘मैं तुम्हें हमेशा याद रखता हूँ।’ उस पर किसान ने हँसकर कहा – ‘साधु महाराज! मैं अनपढ़ किसान, आपको कान भर मोती कैसे दे सकते हैं? आप ज्ञानी हैं। इस वजह से ‘हम’ आप दोनों कान भर मोतियों की नींद में हैं।’
साधु ने इंटरनेट बंद कर कहा – ‘नहीं किसान राजा, तुम अनपढ़ नहीं हो। तुम तो विद्वान हो। इस कारण तुम मेरी इच्छा पूरी करने में सक्षम हो। मेरी विचित्र मांग पूरी होने तक मैं हमेशा भूखा-प्यासा हूं। जब भी आप कोई कुबेर भंडारी मिल जाते हैं तो मैं रेस्तरां रेस्तरां ले जाता हूं। साधु ने एक किसान की ओर देखा और कहा- “जो फल के दानों, पानी की औषधियों और उपदेशों के शब्दों को खोखला कर देता है। वहीं मेरी दृष्टि से सच्चे कुबेर का घर है। मैं वहां पेट भरता हूं। फिर वह भोजन दाल- ‘रोटी हो या रोटी। आशीर्वाद का स्वाद भर देता है।’ किसान दंपत्ति को आशीर्वाद देते हुए साधु महाराज आगे चल पड़े।
*👉शिक्षा*
पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं। जल, अन्न और सुभाषित। मूर्ख लोग ही पत्थर के आभूषण, मोती माणिक्य आदि को रत्न कहते हैं।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है,वो सामथ्र्य है।।*
आज की चौपाई….
बचन काय मन मम गति जाही।
स्वप्नहुँ मूर्ख बिपति कि ताहि
सुनी सीता दुःख प्रभु सुख अयना।
भरि आये जल राजीव नयना
सीताजी के दु:ख सुख के धाम प्रभु के कमलवत उत्सवों में जल भर आया, वे बिछड़ने लगे कि जो शरीर और मन का वचन दे मेरी शरण में हो, उसे स्वप्न में भी विपत्ति मिलनी चाहिए।
कह हनुमंत विपति प्रभु सोई।
जब तव सुमिरन भजन न होई
केतिक बात प्रभु यातुधान की।
रिपुहिं जीति अन्ये जानकी
तब हनुमान जी ने कहा – हे प्रभो ! विपत्ति तो कहीं है, जब आपका भजन सुमिरन न हो।हे प्रभो ! राक्षसों के बारे में कितनी बात है? शत्रु की लाश जानकी जी को ले आइए।
सुनु कपि तोहि समान उपकारी।
नहिं कोउ सुर नर मुनि तनु धारी
प्रति उपकार करौं का तोरा।
सन्मुख होइ न सकत मन मोरा
सुनो हनुमान ! समान हितकारी देवता, मनुष्य मुनि आदि कोई शरीरधारी नहीं है। मैं क्या लाभ उठा सकता हूँ? मेरा मन सम्मुख नहीं होता है।
सुनि कपि तोहिं उरनि मैं नहीं।
देखौं करि बिचार मनमहिं
पुनीपुनि कपिहिं चितव सुराता।
नयन नीर पुलकित अति गाता
हे कपि ! सुनो, मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं, यह मन में विचार कर लिया। देवताओं के रक्षक रामजी बारम्बर रामजी को देखते रहे, उत्सवों में जल भर आये, शरीर अत्यंत पुलकित हो गये।
जय राम जी की…
आपका जीवन मंगलमय हो।
दैनिक रामायण पढ़ें।
सनातनी पहचान… तिलक लगायें।
प्रति मंगलवार शाम 7.00 बजे अपने महल के मंदिर में आरती में शामिल हों।
अपने शुभचिंतकों को प्रणाम करें।🙏🙏
ये 16 मंत्र हैं जो हर सनातनी को सीखना चाहिए..
एक सनातन सनातनी हिंदू को भारतीय परंपरा के अनुसार मंत्र उच्चारण इस महत्वपूर्ण पोस्ट के माध्यम से जानना चाहिए,
1. श्रीगाय मंत्र “”””
ॐ भूर्भुवः स्वः,
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
2.श्री महादेव””””””
ॐ त्रम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान्,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!!
3. श्री गणेश”””””
वक्रतुंड महाकाय,
सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव,
सर्वकार्येषु सर्वदा!!
*4. श्री हरि विष्णु”””””””
मंगलम् भगवान विष्णुः,
मंगलम् गरुड़ध्वजः।
मंगलम् पुण्डरी कक्षः,
मंगलाय तनो हरिः॥
5. ब्रह्मा जी “”””*
ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,
नमस्ते परमत्ने।
निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,
सदुयाय नमो नम:।। 6.श्रीकृष्ण””””
वसुदेवसुतं देवं,
कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानंदं,
कृष्णं वन्दे जग्गुरुम्।
7.श्री राम””””
श्री रामाय रामभद्राय,
रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय,
सीताय पतये नमः!
8. माँ दुर्गा”””
ॐ जयन्ती मंगला काली,
भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री,
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
9. माँ महालक्ष्मी”””””
ॐ सर्वबाधा विनिर्मुक्तो,
धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन,
भविष्यति न संशयःॐ।
10. माँ सरस्वती”””
ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं,
वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि,
सिद्धिर्भवतु मे सदा।।11. माँ महाकाली””””
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं,
हलीं ह्रीं खं स्फोटय,
क्रीं क्रीं क्रीं फट!!
12 हनुमान जी” “””
मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
मूर्तियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयुथमुख्यं,
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
13. श्री शनिदेव”””
ॐ नीलांजनसमाभासं,
रविपुत्रं यग्रजम।
तं
नमामि शनैश्चरम।।
14.श्री कार्तिकेय”””
ॐ शारवाना-भयाय नम:, वल्लीयै सुंदरा
। देवसेना मन: कांता, कार्तिकेय नमोस्तुते। 15 काल भैरव””” ॐ ह्रीं वां बटुकाय, क्षौं क्षौं आपदुधाराणाये, कुरु कुरु बटुकाय, ह्रीं बटुकाय स्वाहा। 16.भारत माता”” नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया योगभूमे सुखदु उधोऽहम् महामांगले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष काठो नमस्ते-नमस्ते।। स्वयं भी पवित्र मंत्र का जाप करें और अपने परिवार के सदस्यों को भी बताएं विशेषकर बच्चों को
हर हर महादेव🙏🏻
धन्यवाद
*🔥आज की प्रेरणा 🔥*
*🌹स्वर्ग यहाँ-नरक यहाँ 🌹*
एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु हो गई, यम ले आए। औरत ने यमराज से पूछा, आप मुझे स्वर्ग ले जाएं या नर्क। ले जा रहा हूँ. बुजुर्ग महिलाएँ खुश हो गईं, बोली धन्यवाद, पर मेरी आपसे एक विनती है। मैं यहां धरती पर सबसे ज्यादा स्वर्ग-नर्क के बारे में सुना हूं मैं एक बार इन जगहों पर दोनों को देखना चाहता हूं।
यमराज बोले कर्म अच्छे हैं, इसलिए मैं यह इच्छा पूरी करता हूं। चलो हम स्वर्ग और नर्क के रास्ते से होते हुए प्रभु के धाम चलेंगे। दोनों चलें, सबसे पहले नरक आया। नरक में बुजुर्ग महिलाओं ने जोहर-जोर से लोगों के रोने की आवाज सुनी। वहां नरक में सभी लोग डबले और बीमार दिखाई दे रहे थे। महिलाओं ने एक आदमी से यहां पूछा कि आप सभी लोगों की ऐसी समस्या क्यों है?
आदमी बोला तो और कैसा हाल होगा, मौत के बाद जबसे यहां आए हैं, हमने एक दिन भी खाना नहीं खाया। भूख से हमारी आत्माएं तड़प रही हैं।
बुजुर्ग महिलाओं की नजर एक विशाल पतीले पर पड़ी, जो लोगों के कद से करीब 300 फुट ऊंची थी, उस पतीले के ऊपर एक विशाल आकृति लटकी हुई थी। उस पतिले में से बहुत ही शानदार खुशबू आ रही थी।
बुजुर्ग महिलाओं ने कहानियों से पूछा, खेड है, तो आप लोग पेट भर के ये खेड क्यों नहीं, भूख से क्यों कष्ट झेलते हैं।
आदमी रो रो कर बोला, कैसे खायें, ये 300 फीट ऊंचा पतिला है हमें से कोई भी उस पतेले तक नहीं पहुंच पाता।
बुजुर्ग महिलाओं को उन पर तरस आ गया, देखी गई लंबी रातें खेड का पतिला होते हुए भी भूख से बेहाल हैं। शायद ईश्वर नेंअनदेखा ये ही दंड दिया होगा।
यमराज बुजुर्ग महिलाओं से बोले चलो हमें देर हो रही है। भाई चल पडे, स्वर्ग पर कुछ दूर उड़ान आया। वहां पर बुजुर्ग महिलाओं को हंसी हंसने, खिलखिलाने की आवाजें सुनाई दीं। सब लोग बहुत खुश दिखाई दे रहे थे। वहां स्वर्ग में भी बुजुर्ग महिलाओं की शक्ल वैसी ही थी जैसी 300 फुट ऊंची पतिले पर पड़ी थी, जैसे नरक में थी, उनके ऊपर भी ऐसी ही आकृति दिखाई देती थी। बुजुर्ग महिलाओं ने वहां लोगों से पूछा कि यह पतिले में क्या है?
स्वर्ग के लोग बोले के इसमें बहुत स्वादिष्ट खीर है।
बुजुर्ग महिलाएं हुई हैरान। उनकी बोली पर ये पतीला तो 300 फीट ऊंचा है, आप लोग तो इस तक पहुंच ही नहीं पाते होगे, उस हिसाब से तो आप लोगों को खाना ही नहीं होगा, आप लोग भूख से बेहाल हो जाते हो
मुझ पर तो आप सभी इतने खुश लग रहे हो हो, ऐसे कैसे।
लोग बोले हम तो सभी लोग इस पतिले में से पेट भर के खाते हैं।
महिला बोली पर कैसे,पतिला तो बहुत ऊंची है।
लोग बोले तो क्या हो गया पतिला ऊंचा है तो यहां कितने सारे पेड़ हैं, ईश्वर ने ये पेड़ बताए, नदी, झरने हम उपयोग के लिए तो बनाएं हैं। हमने इन पेड़ों की लकड़ी ली, फिर से लकड़ी के टुकड़ों को जोड़ के विशाल सिधि का निर्माण किया। उस लड़की की सीधी-सादी के नाम हम पतिले तक हैं और सभी मिलकर खुशी का आनंद लेते हैं
बुजुर्ग महिला यमराज की तरफ देखने लगी। यमराज मुस्कये बोले ईश्वर ने स्वर्ग और नरक के हाथों में ही एक जैसा रखा है,चाहें तो अपने लिए नर्क बना लें, नरक तो अपने लिए स्वर्ग, ईश्वर ने ईसा के हाथों में एक जैसा ही एक रूप डाला है। वो किसी भी तरह से भेदभाव नहीं करता। वहाँ नर्क में भी पेड साधन सब थे, पर वो लोग खुद ही लागी हैं, उन्हें हाथ में हाथ डालकर जन्म दिया,वो कोई कर्म नहीं करना चाहते, कोई मेहनत नहीं करना चाहते, इसलिए भूख से बेहाल हैं। क्योंकि ये ही तो ईश्वर की बनाई हुई हैं। दुनिया का नियम है,जो कर्म करेगा,मेहनत करेगा,उसी को मीठा फल खाना मिलेगा।
*👉शिक्षा*
स्वर्ग और नर्क आपके हाथ में है
मेहनत करो, अच्छे कर्म करो और अपने जीवन को स्वर्ग बनाओ।
*सदैव आकर्षक रहिये – जो प्राप्त है, साधन है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास सब है।।*🍃🌾🌾
*🌷प्रेरणा 🌷*
चिंता कल के प्रोटोकॉल को दूर नहीं करती बल्कि आज की शांति को नष्ट कर देती है।
👉 *आज से हम* चिंता को अपनी जिंदगी से दूर करें…
*💧 💧*
😊 😊 😊 😊 😊 😊 🌹 एक प्रयास
इस नए दिन के लिए, जो कुछ भी मिला है उसका अभियोक्ता बनें और आगे आने वाले नए अवसरों का जश्न मनाएं। कल किये गए प्रयास को भूल जाएँ और आज फिर से वह पाने के लिए प्रयास करें।
[]आचार्य श्री:
[] *समय पुराना था*
तन ढकने को कपड़े न थे,
फिर भी लोग तन ढकने का
प्रयास करते थे।
आज गोदामों के भंडारे हैं,
फिर भी तन तोने का
प्रयास करते हैं
*समाजवादी जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*, सिद्धांत
के साधन कम थे।
फिर भी लोग नमूने से
मिले हुए थे।
आज अध्यापक के
प्रशिक्षक की भरमार है।
फिर भी लोग न मिलकर के धमाके
करते हैं।
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*,
घर की बेटी, पूरे गाँव की बेटी होती थी।
आज की बेटी ही पड़ोसी से ही परेशान हैं।
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*, लोग
नगर-मोहल्ले के बुजुर्ग का
हालचाल थे।
आज माँ-बाप तक को
वृद्धाश्रम में डाल देते हैं।
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*,
इलेक्ट्रॉनिक्स की कमी थी।
फिर भी पूरी तरह से अलग-अलग बच्चों के
साथ खेलते थे।
आज इंस्टाग्राम की भरमार है,
पर बच्चे के मोबाइल की रजिस्ट्री बंद हैं।
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*,
गली-मोहल्ला के साक्षुओं
तक को रोटी दी जाती थी।
आज पड़ोसी के बच्चे भी पार्टनर
सो मिलते हैं।
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*समय पुराना था*,
नगर-मोहल्ले में आये
इंजीनियरों का भी पूरा
परिचय लिया गया।
आज तो पड़ोसी के घर
आये मेहमान का नाम भी
नहीं…
*समाज वैज्ञानिक जो हो गए हैं।*
*वाह रे सभ्य समाज*
*आपका हर पल मंगलमय हो।*
[]:
एक पिता के बेटे से होती हैं ये 5 ख्वाहिशें…
➖➖जिस दिन तुम हमें बूढा देखो टैब सब्र करना और हमें समझने की कोशिश करना
➖➖जब हम स्कूल चले ना पाए तो हमारा समर्थन और अपना पहला कदम याद रखना।
➖➖जब हमारी आँखों में आँखें देखीं तो उसे दिन याद आया, जब तुम्हारे आकार थे, तो गले से लिपटे हुए बर्तन थे
➖➖जब हम बीमार हो गए तो वो दिन याद आया जब हमने शादी की तो अपने पैसे खर्च करना पूरी करने के लिए अपनी ख्वाहिश कुर्बान करते थे
➖➖जब हम कोई बात भूल जाएं तो हम पर गुस्सा ना करना और अपना बचपन याद करना
पिता के लिए एक जैसा तो बनता है दोस्तों, उनके लिए दिल में हमेशा आदर रखना वो भगवान हैं हमारे लिए
[] आचार्य श्री:
*साइबर अपडेट: जंप टेक्निक वाले इस नए स्कैम से बचने के लिए*
फोनपे, गूगल पे, अकाउंट या इसी तरह के अन्य यूपीआई का उपयोग करने वाले लोग अब एक नए तरह के तरीके से ठगा जा रहा है, जिसमें कोई भी आसानी से फंस सकता है। इस तकनीक को *जंप टेक्निक* नाम दिया गया है।
साइबर ठग में आपको कोई छोटी राशि नहीं मिलती है जिस पर आप शक ना करें, जैसे कि *2000* यह राशि सच में ही आपको भेजी जाती है और आपके पास जमा होने का टैक्स मैसेज या नोटिफिकेशन भी होता है। ठग द्वारा *तकनीक के माध्यम से स्मार्तली अमाउंट माउंटेन का सिस्टम सेट* किया जाता है। आप बैलेंस चेक करने के लिए जैसे यूपीआई पर अपना पिन डालते हैं, वैसे ही आपके अकाउंट से उसे अमाउंट पोस्ट किया जाता है।
*इससे बचने का तरीका यह है कि जब भी आपके पास बिना किसी उम्मीद के या किसी अज्ञात नंबर से पैमेंट आए तो आप यूपीआई पर चेक करने के लिए पहले एक बार जान पहचान कर गलत पिन डाल दें।* ऐसा करने से ठग ने सेट की हुई निकासी अमाउंट आप कैंसिल हो जाओगे।
*इस पोस्ट को अपने परिवार और दोस्तों को पहले जरूर शेयर करें ताकि वो इस तरह के किसी जाल का शिकार हो सकें।*
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